श्याम के सात बजे थे. रेखा सुनिल का इंतजार कर रही थी. तभी उसका मोबाईल बजा. रेखा ने मोबाईल ऊठाकर सुनिल को दाटनेही वाली थी, तो सुनील बोल पडा.
सुनिल: अरे.... ईधर देखो, ईधर ईधर............
सुनिल रेखा को लेने आया था, उसकी कार ठिक रेखाके सामने खडी थी. पर रेखाको कुछ देर इंतजार करना पडा था इस लिये वो बावली हो गयी थी. आखिर सुनिल ने जोर से आवाज दि तब जाके रेखाकी नजर सुनिल पर पडी.
वो लालपिला चेहरा लेकर कार कि तरफ बडी, मुह मे पुटपुटाती हुवी कार मे बैठ गयी.
आज विकएंड था, सुनील और रेखा दोनो अलग अलग कंपनियोमे सॉफ्टवेअर इंजी. थे. दोनो कि मुलाकात जपान के एक एक्पो मे हुय़ी थी.
सुनील दिल्ली का रहनेवाला था, तो रेखा चेन्नईकी चंद्रमा थी.
पिछले पाच-छे महिनेसे इनके दोस्तीपर प्यार का रंग चढने लगा था. पर आज तक दोनो मे से किसी ने इजहार नही किया था. डेट पर तो जाते थे पर खाना पिने के आगे बात जाती हि नही थी.
आर रेखा ने तो थान हि लिया था कि अगर सुनील ने प्रपोज नही किया तो मै खुद करुंगी.
गाडी जाके एक बडेसे होटल के सामने रुकी, दोनो ने अपना मन पसंद खाना ऒर्डर दिया. वेटर खानेका ऒर्डर देने गया. सुनील ने सिगारेट सुलगाई.
रेखा: मुझे बिलकुल पसंद नही कि आप सिगारेट पियो.
सुनील: ठिक है, पर मुझे पसंद है ना.
रेखा: अरे हां, पर मुझे पसंद नही ना, मै क्या करु.
सुनील : ठिक है, मै उधर दुर जाके पिता हुं.
रेखा: क्यु. छोड नही सकते.
सुनील: बीबी आ जाये तो छोडुंगा, तब तक तो ये चलेगाही.
रेखा: तो शादी क्यू नही करते ?
सुनील: कोई मिलता हि नही.
आज रेखा को चॅंस मिलहि गया, ईस मोके को वो गवाना नही चाहती थी. क्युंकी वो सुनील से बहोत प्यार करती थी, पर सुनील प्रपोज करेगा सोचकर वो इंतजार करती थी. पर सुनील प्रपोज करनेसे घबरात्ता है ये समझने के बाद उसने आज प्रपोज करने की थान लि थी.
रेखा: बुद्दु हो तुम, आस पास जरा देखा करो, कोई तो मिल हि जायेगी.
सुनील: नही यार. आज तक तो नही मिलि.
रेखाने जो सिग्नल दिया, वो सुनील को समझमे नही आया. रेखा मन हि मन मे घुस्सा हो रही थी.
उतने मे वेटर ने खाना लगाया.
दोनो ने भरपेट खाना खाया और कार कि तरफ बढे.
कार कार का दरवाजा खोलकर रेखा अंदर बैठ गयी और सुनील ने फिरसे सिगारेट सुलगायी और ड्राईव्ह करने लगा.
रेखा: अब बहुत हुआ तुम्हारा, सिगारेट फेको.
सुनील: क्या बात है, आज इतना क्यू भडक रही हो.
रेखा: मुझे पसंद नही कि तुम्ह सिगारेट पिओ.
सुनिल: अरे लेकिन मै तो हमेशासेही पिता हुं ,ये तुम्हे आज क्या हुआ.
वक्त को भांपते हुए रेखा ने कहां
रेखा: क्यू कि मै नही चाहती कि मेरा होने वाला पती सिगारेट पिये.
खर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र खट्ट.
सुनिल के होश उड गये.
जीसे मनही मन मे पुजने लगा था आज उसे ने प्रपोज किया. आज तो सुनील को अपने कानोपर भरोसा नही हो रहा था कि रेखा जैसी सुंदर लडकी इतनी आसानीसे ऊसे प्रपोज करेगी.
सुनील: क्या कहा?
रेखा: वही, जो तुमने सुना, बुद्धु कही के.
सुनील ने स्टेरींग से हाथ उठाया और रेखा के हाथ पर रख दिया. रेखा ने अपना दुसरा हाथ सुनील के हाथ पर रख दिया. अब सुनील का हाथ रेखा के मुलायम हाथो से थमा हुआ था.
सुनील: मुझे अभी भी यकीन नही हो रहा है.
रेखा: हा, सुनील, मै तुम्ही बहुत चाहती हु. तुम्ह इजहार नही कर रहे थे इसलीय आज मैने किया.
और रेखा ने सुनील का हाथ उठाकर चुम लिया.
अब सुनील शरमा गया था. वो जरा शर्मीलाही था.
उतने मे देखते देखते रेखा का घर आ गया. रेखा ने दो महिने पहिलेही ईस घर का पझेशन लिया था. उसकी एक दोस्त उसके साथ रह्ती थी. पर आज वो गाव गयी थी.
रेखा को उसके घरके सामने छोडकर सुनील टाटा करने लगा.
रेखा: कार से बाहार निकले हुए “ घर नही आओगे ?”
सुनील का मनहि मन मे येही सोच रहा था, पर मनसे शर्मीला होने के कारण कुछ बोल नही पाता था.
सुनील: हा, बिलकुल आऊंगा.
सुनील ने कार पार्क करदी और दोनो रेखा के फ्लॅट कि तरफ बढने लगे. प्रपोज का नशा इतना चढ गया कि दोनो चल तो रहे थे पर बाते नही हो रही थी.
रेखाने घर का दरवाजा खोलकर अंदर गयी. किचनसे पिने का पानी ले आयी.
सुनीले ने पानी पिते हुंये सोफे पे बैठ गया.
रेखा सोफे के पास आके खडी हुंई, और बोली.
रेखा: क्यु....... गुमसुम क्यु हो .......?
सुनील: नहि कुछ सुझ नही रहा है.
रेखा: (नजरे झुकाती हुई) मैने कुछ गलत किया क्या ?
सुनिल: नही, तुमने वो किया जो मैने करना चाहिये था! मै भी तुमसे बहोत प्यार करता हुं रेखा.
ये सुनते हि रेखा ने सुनील के दोनो हाथ अपने हाथो मे पकडकर अपने चेहरेपर लगा लिये. सुनील खडा हो गया. रेखा खुशी के मारे सिसकने लगी थी. सुनील ने रेखा को अपनी बाहो मे भर लिया. रेखा भी अब सुनील को कसके पकडी हुई खडी थी. अब दोनो एक दुसरे को कसके पकडे हुए लिपटकर झल रहे थे.
रेखाने सुनील के ओठोपर अपने ओठ रख दिये अब सुनील के बदन मे बिजली दोडने लगी. उसने रेखा को ऊठाया और सिधा बेडरुम मे ले जाकर पटक दिया.
रेखा के उपर गिरकर उसने भी अपने होंठ रेखा के ओठोपर चिपका दिये. अब रेखा निचे और उसके उपर सुनील लेटा हुआ होंठ गडाये हुए था.
दोनो कि सांसे तेज हो रही थी, रेखा कि गरम सांसे सुनील को महसुस हो रही थी. अब रेखा ने अपनी जबान बाहार निकालकर सुनिल के मुह मे घुसायी. रेखा कि जुबान सुनील के जबान को लगने लगी थी. अब सुनील ने रेखा के सर को दोनो हाथो से कस के पकड लिया और रेखा कि जुबान सुनील के मुंह मे थी. सुनील के मुंह मे दो जुबान चुम्मा चुम्मी कर रही थी. और जबान कि चुम्मा चुम्मी से सुनील का लंड खडा होता जा रहा था.
रेखा को सुनील के लंड अब महसुस होने लगा था. हालांकी दोनो को सेक्स का कोई अनुभव नही था. पर आज दोनो नये खिलाडि पहली बार सेक्स का अनुभव लेने जा रहे थे. सुनील ला लंड अब पुरी तरह से खडा हो चुंका था. सुनील अपना लंड पॅंट से बाहार निकालने कि सोच तो रहा था पर शरमाता था. वो ऐसेही अपना मोटा लंडा रेखा के चुंदपर घिसने लगा और उपर मुंह मे मुंह डालकर चुंबन का आनंद लेने लगा.
रेखा को सुनील के लंडका चुदपर घिसना बडा हि अच्चा लगने लगा, पर वो उसे कपडो के उपरे से नही बल्कि कपडे निकालकर घुसाना चाहती थी.
रेखा अब बहोत गरम होने लगी थी. अब सुनील ने रेखा के मुंह मे अपनी जबान घुसायी थी. रेखा सुनील के जबान को चुसने लगी. अब दोनो हि बहोत उत्त्तेजीत हुए थे. रेखा ने अपना एक हाथ धिरेसे सुनील के पॅंट कि तरफ सरकाय और पॅंट के उपरसेही उसके लंड को पकड लिया. एक औरत जब लंड को पकडती है तो वो पल बयान करने के बाहार का होता है. मानो सुनील के अंग अंग मे बिजली दौड गयी.
सुनील ने अपना मुंह रेखा के मुंह से निकाला और बेडपर अपने घुटनो पर खडा हुआ. रेखा ने आगे बडकर उसकी पॅंट खोली और लंड बाहार निकाला. ७” का लंड बाहार आते हि रेखा के भी होस ऊड गये. वो भले हि बोल्ड और डेअरींगबाज लडकी थी, पर इतना बडा लंड देखकर वो शरमा भी गय़ी और घबराभी गयी. पर अब सुनील चरम पर पहुंच चुका था. उसने रेखा के हाथ मे लंड दिया और उसको लिटा दिया. अब रेखा सुनील से नजरे नही मिला रही थी. पर सुनील अब रेखा के तन मन से खुप खेलने के मुड मे था.
सुनील ने रेखा कि जिन्स खोल दि, रेखा ने शरमसे अपना मुंह फेर लिया. अब रेखा सिर्फ टि शर्ट और निकर पे थी. उसकि सांसे तेज होने लगी, मुंह दुसरी और फेरा हुआ था. सुनील का लंड एक हाथ मे थामे हुए थी. अब उसकीपर सेक्स का उन्माद छाने लगा. रेखा सुनील के लंड को जोर जोर से दबाने लगी. हर दबावट के साथ सुनील बडा खुश हो जाता था. उसने रेखा को नंग कर दिया. अब सिर्फ ब्रा थी. अपने भी कपडे उतार दिए थे.
अब रेखा सुनील के सामने सिर्फ ब्रा पहने हुए लेटी थी. उसके हाथ मे सुनील का लंड था, मुह दुसरी और फेरा हुंआ था. शर्म के मारे आंखे बंद थी. और सुनील रेखा के कमर के नीचे बैठा हुआ पुरा नंगा था. उसका लंड रेखा के चुद पर रगड रहा था. अब वो नंगी रेखाके बदन पर लेट गया. रेखा के चुद पर सुनील का लंड बार बार रगडने कि वजह से रेखा और उत्तेजीत हो रही थी. सुनील ने अपना मुंह रेखा के ब्राके उपरसेही दो उरोंजोमे गडा दिया. रेखा से रहा नही जा रहा था. सुनील ने रेखा के पिठके निचेसे हाथ डालकर ब्रा निकालने कि दो चार नाकाम कोशीसे करने के बाद रेखाने अपने ब्रा के हुक खोल दिये. अब रेखा के दो बडे बडे उरोज देखकर सुनील को नशा होने लगा. दो हाथोमे दो उरोजोंको पकडकर मसलने लगा और रेखा सिसकने लगी. रेखाने सुनील के लंड को अपने दोनो पैरो के बिच मे चुद को लगकर दो जांघो से दबाना शुरु किया. रेखा कि जांघोमे दबते हुंए लंड को बडा मजा आ रहा था.
आखिर सुनीलने रेखा के बदन से उठकर अपना लंड हाथ मे पकड लिया. रेखा कि चुद मे धुसाने लगा. पहली बार होने कि वजह से चुद कि सही जगह मिल नही रही थी. दो चार बार कोशीश करने के बाद रेखाने अपना हाथ निचेसे लाकर लंड हाथ मे पकड लिया. अब रेखा ने लंड को चुद के सही जगह पर रख दिया. दोनो का बदन थरथर काम्प रहा था. अब सुनील का लंड रेखा कि चंदपर सही जगहपर रखा हुआ था.
और सुनील ने जोर से धक्का दिया, रेखा चिल्ला पडी, लंड रेखा कि चुद को चिरता हुंआ सिधा चुद मे घुसे जा रहा था. रेखा चिल्लाने लगी. रेखाने सुनील को पिछे ढकेलने कि कोशीश करने लगी पर सुनील ने दोनो हाथोसे रेखा के कंधे जकेड रेखे थे. अब रेखा सुनिल के जखेड पे ब्लॉक हुई थी. ना वो खुद को छुडा सकती थी ना सुनील को साथ दे सकती थी. सुनील का लंड अब रेखा कि चुद मे पुरी तरह घुस गया था. मानो चुद फट गयी हो. अब वो लंड को अंदर बाहार करने लगा और रेखा कि जान निकलने लगी.
रेखा: सुनील.. मै मर जाऊंगी सुनील प्लीज छोड यार. मै मर जाऊंगी. प्लीज, प्लीज छोडो.
सुनील: (कान के पास झुककर अपना लंड अंदर बाहार करते हुए) नही रेखा, मजा आ रहा है रेखा, प्लीज तुम मेरा साथ दो रेखा. मै नही छोड सकता अब तुम्हे रेखा.
और रेखा कि जान निकलने लगी. अब तो रेखा विरोध करने के लायक भी नही रही थी. उसका शरिर पुरा ढिला पड गया था. और सुनील उसके चुद मे लंड घुसेडा जा रहा था. रेखा बस आनंद लेने लगी थी. सुनील भी अब पुरा चरम पर आ गया.
उसने दोनो हाथ रेखा के पिठ के पिछेसे निकालकर कंधे पकडकर अब जोर जोर से चोदने लगा. रेखा बस सिसकती हुंई पडी रहने के अलावा कुछ नही कर सकती थी.
सुनील का लंड लोहे के रॉड कि तरह अंदर बाहर होने लगा. अब रेखा को भी मजा आने लगा. उसने अपना मुंह खोलकर सुनील के कान को चबाना शुरु किया. सुनील को लंड रेखा कि चुद को जोर जोर से चोद रहा था. हर एक झटकेसे रेखा दो ईंच उपर खिसकती जा रही थी. सुनीलने अपना दायें हाथ का अंगुठा अब रेखा के मुंह मे घुसेड दिया. निचा लंड चुदपर रगड रहा था और मुंह मे अंगुठ रगड रहा था.
अब सुनील चरम पर पहूच गया और तुफान कि गती रेखा को चोदने लगा. मानो आज रेखाकी चुद फट जाने वाली थी. दोनो जोर जोर से चिल्लाने लगे, रेखा और सुनिल दोनो अपने चरम पर पहुंच गये. अब लंड मानो चुद को फाड फाड कर घुसें जा रहा था.
रेखा: सुनिल, मर जाऊंगी सुनिल, पर अच्चा भी लग रहा है सुनिल. युर माय डार्लिंग. कितना अच्छा लग रहा है सुनिल. और जोर से सुनिल, और जोर से यार. बिलकुल छोडना नहि मेरे यार. और सुनिल कि गती तुफान से भी तेज हो गयी. उसे कुछ सुनाई नही दे रहा था. ये गती बिस मिनट तक चली और जोर से सुनील चिल्ला उठा.
आहा..... आहाआ.......... आहा............ और रेखा के उरोंजोपर अपना मुह घुसेडक्र लेट गया और तुफान थम गया.
रेखा को चुद के अंदर पानी का फव्वारा महसुस होने लगा. सब शांत हो गया. लंड से निकलने वाला फव्वारा अभी थंबा नही था. रुक रुक कर लंड चुद के अंदरही फव्वरे के बचे कुछे बुंद छोडता था. और बुंद छोडते समय जो स्ट्रोल रेखा को महसुस होता था उससे वो बडी हि आनंदित हो जाती.
उतने मे बाहर बेल बजी, और दोनो हडबडाके उठ गये. रेखा हॉल मे जाकर दरवाजेसे झांका तो उसके मामा और मामी दरवाजेपर खडे थे.